कलेक्टर ने की नल-जल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा

Jansampark Khabar
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अपूर्ण योजनाओं को मई माह के अंत तक पूर्ण करने के निर्देश




जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री 


 
      खरगोन । कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल की अध्यक्षता में 12 मई को जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नल-जल योजनाओं एवं जल जीवन मिशन की योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री बीएस अचाले, जल निगम के अधिकारी, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री, विद्युत मंडल के अधिकारी एवं नल-जल योजनाओं का कार्य रहे ठेकेदार उपस्थित थे। 

   बैठक में बताया गया कि खरगोन जिले में कुल 778 नल-जल योजनायें स्वीकृत हैं। इनमें से 603 का कार्य पूर्ण हो चुका है और 173 योजनायें प्रगतिरत हैं। पूर्ण हो चुकी 536 योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दिया गया और 505 योजनाओं का सत्यापन का कार्य हो गया है। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बैठक में निर्देशित किया कि नल-जल योजना के पूर्ण होते ही उसे ग्राम पंचायत को हस्तांरित कर उसके सत्यापन का कार्य कराया जाये। प्रगतिरत जिन योजनाओं में 80 प्रतिशत कार्य हो गया है उन्हें मई माह के अंत तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। जिन ठेकेदारों द्वारा योजनाओं का काम नहीं किया जा रहा है उनके विरूद्ध कार्यवाही करने एवं उनका टेंडर निरस्त करने के निर्देश दिये गये। जिन योजनाओं का काम रिवाईज के लिए उनका काम शीघ्र प्रारंभ करने कहा गया और बताया गया कि जिन योजनाओं के प्राक्कलन रिवाईज के लिए शासन को भेजे गये थे उनकी मंजूरी बहुत जल्द मिलने जा रही है। जिन योजनाओं में वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण समस्या आ रही है उसका शीघ्रता से निराकरण करने कहा गया। पूर्ण हो चुकी जिन नल-जल योजनाओं के संबंध में जल प्रदाय नहीं होने की शिकायतें आ रही है उनका लोक स्वास्थ्य विभाग के सहायक यंत्री एवं जनपद सीईओ को संयुक्त रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। नल-जल योजना के संचालन में वोल्टेज एवं बिजली संबंध अन्य समस्या का विद्युत मंडल के अधिकारी को त्वरित निराकरण करने कहा गया।
 
      बैठक में निर्देशित किया गया कि जिन नल-जल योजनाओं के जल स्त्रोत पर्याप्त नहीं है वहां पर आवश्यकता के अनुसार कुंआ खोदने या दूसरा ट्यूबबेल खनन करने के निर्देश दिये गये। गोगांव की नल-जल योजना से 10 दिनों तक पानी मिलने की समस्या का उल्लेख करते हुए कलेक्टर सुश्री मित्तल ने इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की और गोगांव पंचायत के सरपंच एवं सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में कहीं से भी भविष्य में ऐसी शिकायत नहीं मिलना चाहिए। सांसद एवं विधायक द्वारा जिन नल-जल योजनाओं में कमी होने की शिकायत की गई है उनका मौके पर जाकर निरीक्षण करने एवं बताई गई कमियों को शीघ्रता से दुरूस्त करने के निर्देश दिये गये। 

       बैठक में पूर्व से संचालित और ग्राम पंचायतों को हस्तांरित नल-जल योजनाओं में जलकर की वसूली के लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ब्लाक समन्वयक, प्लंबर, आजीविका मिशन के ब्लाक समन्वयक एवं ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव को गांव का संयुक्त रूप से भ्रमण कर एक ऐसे व्यक्ति का चयन करने कहा गया जो नल-जल योजना में कोई टूट-फूट होने पर उसकी मरम्मत कर सके। ऐसे व्यक्ति को इलेक्ट्रो फ्यूजन मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने कहा गया। जल कर वसूली के लिए महिलाओं के समूह एवं सहकारी समितियों को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिये गये। बैठक में बताया गया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के भीकनगांव के बीसी द्वारा अपने कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। इस पर कलेक्टर द्वारा उस संविदा बीसी की सेवायें समाप्त करने एवं उसका प्रभार अन्य व्यक्ति को देने के निर्देश दिये गये।



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