स्कूल के बालक बालिकाओं का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा , कहीं की नौकरी, कही और ही का काम

Jansampark Khabar
0

 




धार इकबाल खत्री

        फिलहाल मई 2025 में अतिथि शिक्षकों के पंजीयन जारी है स्कूलों में शिक्षकों की पहले ही कमी होने से कई अतिथि शिक्षकों को हर वर्ष बच्चों को पढ़ने के लिए पंजीयन कर रखा जाता है। वही मूल पद के शिक्षकों को कहीं और विभागों में बिठा दिया जाता है। निर्वाचन में बैठे शिक्षक का  मूल पद कन्या स्कूल में पदस्थ हैं वही शिक्षक अपने आपको आईएएस एसडीएम समझ बैठे 

कुक्षी= सिराजुद्दीन मंसूरी की कलम से 

        बात बड़े पते की बताने जा रहे हैं, हालात कुक्षी के आपके सामने ला रहे हैं। हालात कुछ बदले बदले और अजीब से लगते कुक्षी में । जिसे होना चाहिए था स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए वो शिक्षक महोदय किसी बूथ पर बैठकर वोटिंग कार्ड या वोटिंग लिस्ट का काम करते हैं, एक दो दिन या माह दो माह नहीं बल्कि ये सिलसिला कई सालों से चला आ रहा है। ना जाने कौन किस जगह शासकीय कार्य करता नज़र आ जाए ये देखकर आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए,हैरानी ये है कि काम तो शासकीय किया जा रहा है लेकिन क्या इन्हें इसी कार्य के लिए नियुक्ति मिली थी ? ये बड़ा प्रश्न है? हालात ये हैं कि किसी अफसरी सांठ गांठ से कई ऐसे कर्मचारी हैं कुक्षी ब्लॉक में जिनकी मूल पदस्थापना किसी अन्य विभाग में है और उन्होंने अपनी सुविधा के मुताबिक खुद को किसी अन्य कार्य में शामिल करके अपना काम करा लिया है। खैर इसे गैर कानूनी तो नहीं कहा जाएगा लेकिन इसे पूरी तरह कानूनी भी कहना किसी सामान्य जन की बात ही होगी । सवाल ये है कि जब क्या इस तरह की व्यवस्था किसी मजबूरी का हिस्सा है या फिर मजबूरी बना कर इसे अपनी सुविधा से जोड़ लिया गया है। कुक्षी जो कि धार जिले की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित तहसील है अगर यहां इस तरह की व्यवस्था जो अव्यवस्था की तरह लगती है उसके पीछे किन आकाओं का हाथ है ये कौन बताएगा?मीडिया कर्मियों ने जब खुलासा जानना चाहा तो कुछ ऐसे कर्मचारी भी निकले जिन्हें इतना खरा,बुरा लगा कि उन्होंने मीडिया कर्मियों से इस बाबद जुबान दाराजी भी कर डाली । खैर इस रिपोर्ट के जरिए श्रमजीव पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार ने दैनिक तेज एक्सप्रेस एक बड़े गड़बड़ घोटाले की तरह वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान दिलाया है,अब आगे देखना है कि वे कैसे इस अव्यवस्था को दुरुस्त व्यवस्था में बदल पाएंगे । वरिष्ठ अधिकारी इन्हें अपने मूल पद पर भेज पाएंगे ये देखना दिलचस्प होगा

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)