कोरोना महामारी और डेंगू संक्रमण के बीच दिल्ली वालों के लिए अब एक और नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। राजधानी में स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ने लगे हैं। स्थिति यह है कि 60 दिन में 44 गुना मरीज बढ़े हैं जिसे लेकर सरकार भी अलर्ट हुई है। चूंकि इन सभी बीमारियों के शुरुआती लक्षण भी लगभग एक जैसे हैं। ऐसे में मरीजों की समय रहते जांच नहीं होने के कारण अस्पतालों में गंभीर मामले भी बढ़ने लगे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) ने 30 सितंबर तक की स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार जुलाई माह तक दिल्ली में दो ही स्वाइन फ्लू के मामले थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 88 हो चुकी है। इस दौरान किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।
दिल्ली एम्स के डॉ. नवल विक्रम का कहना है कि कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू व गंभीर श्वसन रोग इत्यादि के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। ऐसे में यह पता करना मुश्किल है कि ये मरीज किस संक्रमण से ग्रस्त है। हालांकि ऐसे मामलों में चिकित्सा अंदेशा के आधार पर आगे बढ़ती है और दवाओं का असर भी देखा जाता है। अगर किसी मरीज को फ्लू या सांस की दिक्कत है तो उसे जांच जरूर कराना चाहिए। वहीं आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल का कहना है कि इस वक्त हर तरह की बीमारियां आक्रामक तेवर दिखा रही हैं। अस्पतालों में दिल्ली के मरीज तो हैं ही, साथ ही आसपास के क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं जिनकी हालत काफी गंभीर है। इसके चलते आईसीयू व अन्य वार्डों में मरीजों की संख्या काफी है।