फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने कहा कि फेसबुक अब फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहा है। जिन लोगों ने ऑप्ट इन किया है, वे अब फोटो और वीडियो में स्वचालित रूप से पहचाने नहीं जाएंगे। कंपनी ने कहा कि हम एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट हटा देंगे।
फेसबुक की नई मूल कंपनी मेटा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष जेरोम पेसेंटी ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा यह परिवर्तन प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरे की पहचान के उपयोग में सबसे बड़े बदलावों में से एक होगा।
आगे उन्होंने कहा कि कंपनी बढ़ती सामाजिक चिंताओं के खिलाफ प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग के मामलों को साधने की कोशिश कर रही थी, खासकर जब नियामकों ने अभी तक स्पष्ट नियम प्रदान नहीं किए हैं। हालांकि फेसबुक पर लोगों का डेटा चुराने का आरोप लगता रहा है।
फेसबुक के दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से एक तिहाई से अधिक ने सोशल नेटवर्क सिस्टम द्वारा अपने चेहरे को पहचानने का विकल्प चुना है। यह लगभग 64 करोड़ लोग हैं। एक दशक से अधिक समय पहले इसे पेश करने के बाद फेसबुक पहले ही चेहरे की पहचान के उपयोग को कम कर रहा था।
कंपनी ने 2019 में अपलोड की गई तस्वीरों में उपयोगकर्ताओं के दोस्तों की पहचान करने के लिए फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के अपने इस सिस्टम को समाप्त कर दिया और स्वचालित रूप से उन्हें टैग करने का सुझाव दिया। टैग सुझाव सुविधा को लेकर इलिनोइस में फेसबुक पर मुकदमा दायर किया गया था।
हाल ही में फेसबुक की हुई है रीब्रांडिंग
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है। अब से दुनिया फेसबुक को 'मेटा' के नाम से जानेगी। फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान यह एलान किया था। लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी। अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है।