नए क्षेत्रों की तलाश में 30 से ज्यादा बाघों ने पन्ना बाघ अभयारण्य को छोड़ा है। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि यह प्राकृतिक एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है। 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या सबसे अधिक है। यहां कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुर और पन्ना टाइगर रिजर्व हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व राजधानी भोपाल से करीब 330 किमी दूर स्थित है।
लगभग एक दशक पहले यहां एक भी बाघ नहीं बचा था जिसकी वजह से बाघ पुनरुत्पादन योजना शुरू की गई थी। बीते रविवार को पन्ना बाघ अभयारण्य से बाहर आए बाघ का कंकाल सतना जिले से बरामद किया गया। अभयारण्य के क्षेत्रीय निदेशक उत्तम कुमार शर्मा के मुताबिक प्रारंभिक जांच में पाया गया कि शिकारियों ने बाघ की हत्या की।
यहां करीब 45 से 50 बाघ हैं और वहीं 20-25 एक वर्ष से कम आयु के शावक हैं। कुल मिलाकर पन्ना बाघ अभयारण्य में फिलहाल 70 बाघ हैं। जैसे-जैसे बाघों की संख्या बढ़ती है, वे नए क्षेत्रों की तलाश में बाहर निकलते हैं। पन्ना बाघ अभयारण्य से निकलने वाले बाघ चित्रकूट, बांधवगढ़ की ओर जाते हैं। सतना और नौरादेही अभयारण्य में पन्ना के ही बाघ हैं।