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खरगोन। कमजोर एवं वंचित वर्ग के बच्चे गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में निःशुल्क ले सकेंगें प्रवेश, |
इक़बाल खत्री
निजी स्कूलों के लिए 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब, वंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश देना अनिवार्य
प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की कार्यवाही पारदर्शी तरीके से की जायेगी। इसके लिये कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया का टाइम टेबल घोषित कर दिया गया है। शिक्षण सत्र 2025-26 में 5 मई से प्रवेश प्रक्रिया की कार्यवाही शुरू की जा रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक खेमराज सेन ने बताया कि जारी कैलेण्डर के अनुसार 5 मई, 2025 को नि:शुल्क प्रवेश के लिये मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूल एवं उनमें उपलब्ध कक्षा की सीट का पोर्टल पर प्रदर्शन होगा। पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन एवं त्रुटि-सुधार का कार्य 07 मई से 21 मई तक किया जायेगा। आवेदन के बाद सत्यापन का कार्य शासकीय जन-शिक्षा केन्द्र में 7 मई से 23 मई तक होगा। रेण्डम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी द्वारा स्कूल का आवंटन एवं चयनित आवेदकों को एसएमएस द्वारा सूचना 29 मई तक की जायेगी। आवंटन के बाद अशासकीय स्कूल में प्रवेश के लिये उपस्थिति और स्कूल द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से एडमिशन रिपोर्टिंग का कार्य 2 से 10 जून तक किया जायेगा।
आवेदक अपने ग्राम, वार्ड तथा विस्तारित पड़ोस के गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में पोर्टल पर कक्षावार प्रदर्शित स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिये आवेदन दर्ज करा सकेंगे। निर्धारित सत्यापन केन्द्र (शासकीय जन-शिक्षा केन्द्र) में मूल दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाना अनिवार्य है। प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी एजुकेशन पोर्टल पर भी प्रदर्शित की गयी है। इससे जुड़ी जानकारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भी प्राप्त की जा सकती है। प्रवेश प्रक्रिया में कक्षावार निर्धारित आयु की भी जानकारी दी गयी है। नर्सरी में न्यूनतम आयु 3 वर्ष एवं अधिकतम आयु 4 वर्ष 6 माह, के.जी.-1 में न्यूनतम आयु 4 वर्ष एवं अधिकतम आयु 5 वर्ष 6 माह, के.जी.-2 में न्यूनतम आयु 5 वर्ष एवं अधिकतम आयु 6 वर्ष 6 माह, कक्षा-1 में न्यूनतम आयु 6 वर्ष एवं अधिकतम आयु 7 वर्ष 6 माह निर्धारित की गयी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्धारित तय समय-सीमा में प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के अंतर्गत, निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश दिया जाना अनिवार्य है। यह नियम कक्षा 1 या प्री स्कूल से शुरू होने वाले सभी निजी स्कूलों पर लागू होता है। इन सीटों पर वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है। गरीब, वंचित व कमजोर वर्ग के ऐसे बच्चों की फीस का भुगतान शासन द्वारा संबंधित निजी स्कूल को किया जाता है।