आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती पर पखवाड़ा व्याख्यानमाला का हुआ आयोजन

Jansampark Khabar
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जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री 

खरगोन। 14 मई को आदिगुरु शंकराचार्य जन्म जयंती पखवाड़े अंतर्गत स्थानीय जननायक टंट्या मामा शासकीय महाविद्यालय भीकनगांव में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यकम की शुरुआत अतिथियों द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य के चित्र पर पूजन एवं माल्यार्पण कर की गई। मुख्य अतिथि आरएसएस के डोंगर सिंह सोलंकी ने आदि गुरु शंकराचार्य ने अलख जगाने वाले आदि गुरु शंकराचार्य साक्षात ईश्वर स्वरूप है। जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि केरल प्रदेश के छोटे से गांव में जन्मे आदि गुरु शंकराचार्य ने 08 वर्ष की आयु में घर छोड़कर देश एवं समाज के लिए जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने जीवन काल में अद्वैत वेदांत सिद्धांत पर 23 पुस्तके लिखी। इसके साथ ही लगभग 300 पुस्तके लिखी। उन्होंने 32 वर्ष की अल्पायु में समाधि ली। उनका जीवन चरित्र हमारे लिए आदर्श है। 


कार्यक्रम प्राचार्य सुनील कुमार ने भी आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन पर प्रकाश डाला। जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक कालू सिंह मंडलोई ने भी आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन एवं संन्यास के साथ सनातन संस्कृति के लिए किए गए उनके कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। प्राध्यापक मांगीलाल मोरे ने शंकराचार्य के जीवन के बारे में बताया। कार्यकम का संचालन नवांकुर अध्यक्ष अंकित मालीवाल ने एवं आभार संजय पीछोडीया ने माना। इस अवसर पर परामर्शदाता अर्पित जायसवाल, भागीरथ मुजाल्दे, मुकेश राठौड़ सहित बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री क्षमता पाठ्यक्रम के विद्यार्थी, नवांकुर सदस्य उपस्थित थे।

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